श्रीमती रामदुलारी मेमो० महाविद्यालय हरिनगर सराँय, पुखरायाँ, कानपुर देहात रेलवे स्टेशन पुखराया से 11 किमी०, भोगनीपुर से 6 किमी० पूर्व की ओर मुग़ल रोड पर स्थित है l यमुनांचल के अति पिछड़े क्षेत्र का यह महाविद्यालय विकासोन्मुख होकर अपना मार्ग प्रशस्त कर रहा है l इस महाविद्यालय की स्थापना का भाव व विचार उस सरलचित, कर्मठ समाज सेवी, विकास पुरुष श्री लाखन सिंह यादव-के उन्नत भाल की उपज है l जिसने अपने क्षेत्र के विकास में चार चाँद लगाये l पुखराया मण्डी से लेकर ग्राम सराय तक पक्की सड़क का निर्माण उसके किनारे प्रकाश स्तम्भ, ग्राम सराय से यमुना तट तक पक्की सड़क, विद्युत् बस स्टेशन, सरकारी हाईस्कूल, परागडेरी का क्षेत्रीय मुख्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य तथा ग्रामीण बैंक, पशु चिकित्सालय आदि इन्हीं की देन है l
इस पिछड़े क्षेत्र में लड़कियों की उच्च शिक्षा कल्पना का विषय कहा जाता था पर इस समाज सेवी जननायक ने छात्रों की उच्च शिक्षा हेतु अपनी अमूल्य कृषि भूमि कन्या महाविद्यालय को 2006 में समर्पित कर उस कल्पना को साकार कर दिया l अपनी पूज्यनीय माँ के नाम पर इस महाविद्यालय का नामकरण श्रीमती राम दुलारी मेमो० महाविद्यालय सराय कर के संस्थापक जी ने अपनी माँ को जो सम्मान प्रदान किया है वह अनुकरणीय तो है ही, उन लोगो के लिए प्रेरणा का श्रोत भी है, जो लोग अपनी माँ को सम्मान न देकर पीड़ित कर रहे है उनके लिए प्रेरणा का यह प्रकाश स्तम्भ है l यह प्रकाश स्तम्भ ऐसे लोगो को शाश्वत प्रकाश देता रहेगा l ऐसा मेरा मानना है l
प्रथम दृष्टया 2008 में क्षेत्रीय अभिभावकों ने अपनी कन्याओं को सहर्ष प्रवेश कराया l इन अभिभावकों के अंतर्मन से एक मूक ध्वनि शब्दायमान हुई- बेटियों का कल्याण तो हो गया, बेटो की भी सुधि लो l यह ध्वनि संस्थापक जी के कानो तक पहुची बस फिर क्या था इस कर्मठ योगी ने रात दिन एक कर शासन से छात्रों के प्रवेश की मान्यता भी प्राप्त कर ली l फलतः इस द्वितीय सत्र 2009-2010 में छात्राओं के साथ -साथ छात्रों का प्रवेश भी सम्भव हो सका है l इस प्रकार क्षेत्र के अभिभावकों की कल्पना साकार हो गयी l
अब हमारा अभिभावकों से निवेदन है की अपने पाल्यो के अध्ययन हेतु समय से, अनुशासन का मंत्र देकर महाविद्यालय भेजें l अध्ययन अनुशासन के बिना विकास सम्भव नहीं है l छात्रों/ छात्राओं के अन्दर की सुशुप्त शक्ति को जाग्रत कर उसको सही दिशा देने का कार्य महाविद्यालय का हैl इसी दिशा से चरित्र निर्माण तो होगा ही प्रतिभा भी जाग्रत हो उठेगी, फलतः वे अपना भला तो करेंगे ही परिवार, समाज और राष्ट्र का निर्माण भी करेंगे l
छात्र/छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु महाविद्यालय के अन्दर पठन पाठन के अतिरिक्त विभिन्न क्रियाकलाप भी होंगे जिसमे खेलकूद रोवर्स रेंजर , वाद विवाद प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि प्रमुख होंगेl इन क्रिया कलापों में अपनी रूचि के अनुसार छात्र-छात्रायें भाग लेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है l